Description
संस्कृत साहित्य में ज्ञान और विज्ञान ये दो शब्द भिन्न-भिन्न प्रकार के अर्थों में प्रयुक्त देखे जाते हैं। तात्त्विक दृष्टि से विचार किया जाये तो अनेकता में एकता का दर्शन ज्ञान शब्दवाच्य है तथा एकता को अनेकता के रौप में विकसित देखना या विभक्त देखना विज्ञान है।
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