Description
भारतवर्ष में पारदीय ज्ञान का आविर्भाव मनीषियों द्वारा शिव कृपा से अति प्राचीन काल में हो गया था। जो की कालांतर में ज्ञान के गोपन हो जाने के कारन आयुर्वेद के क्षेत्र तक सिमित रह कर आज भी रसचिकित्सा के रूप में प्र्योग किआ जाता है।
तंत्र प्रकरण
पारद का स्वरुप एवं भेद निरूपण
परदोत्पति प्रकरण
पारदगुण प्रकरण
रास निरुक्ति प्रकरण
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