Description
22 अगस्त, 1877 को श्रीलंका के सिंहली परिवार में जन्मे कुमारस्वामी की शिक्षा यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में हुई। भूगर्भशास्त्र में बीएससी और फिर डीएससी परीक्षा उत्तीर्ण कर 1903 में सीलोन के डायरेक्टर ऑव मिनरोलॉजिकल सर्वे बने जहाँ 1906 तक सेवारत रहे। इसी दौरान उन्होंने सिंहल की भूगर्भ एवं खनिज सम्पदा विषयक प्रतिवेदन में अपने लेख लिखे। सिंहल के खनिज व रत्नों के पारिभाषिक शब्दों पर 1904 में जो कार्य किया, वह भारतीय कला की पारिभाषिक शब्दावली की बुनियाद सिद्ध हुआ। वे वैज्ञानिक पद्धति में दक्ष तथा तथ्यात्मक सूचनाओं के सफल सम्प्रेषक हुए लेकिन कलाकार जैसे भावुक हृदय के धनी थे। उनकी दृष्टि समग्रतः वैश्विक थी और इसी ध्येय से भारतीय कलाओं तथा धर्म व अध्यात्म की रूपरेखा को अपने लेखों में सूत्रात्मक रूप से पिरोया। वे 1910 में इलाहाबाद प्रदर्शनी के कला विभाग के संयोजक नियुक्त हुए तथा उत्तर व दक्षिणी भारत के अनेक प्रान्तों की यात्रा कर जिस कला सामग्री का संग्रह किया, वह अद्वितीय थी। अपने जीवनकाल में उन्होंने देश-विदेश में होने वाले उत्खननों को गम्भीरता से देखा और भारतीय कला के बीजाक्षरों को खोजने में संलग्न रहे। कला के चित्रकला और मूर्तिकला, जैसे । विषयों पर पर्याप्त लिखा, यक्ष, विश्वकर्मा, प्राचीन नगरों पर अपनी कई तथ्यात्मक पुस्तकें तैयार की। सत्तर वर्ष की आयु में 10 सितम्बर, 1947 ई. को देहावसान ।
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