Description
चरक संहिता में एक स्थल पर तिलपीड़क न्याय का उल्लेख किया गया है। इस न्याय के अनुसार तैल पेरने वाला मनुष्य जो यन्त्र के ऊपर बैठा रहता है, एक ही स्थान पर के चक्कर लगाता रहता है, गतिशीलता के उपरान्त भी कोई दूरी तय नहीं कर पाता। इसी तरह एम. डी. प्रवेश परीक्षा हेतु बहुत से परीक्षार्थी तैयारी करने के उपरान्त परिणाम के रूप में वहीं खड़े रहते हैं जहां वो पहले थे। इस प्रकार की असफलता के विभिन्न कारणों में से विषय के प्रस्तुतीकरण की सामग्री की उपलब्धता का अभाव एक प्रमुख कारण है। बृहत्रयी के ग्रन्थों पर प्रश्नमाला की पुस्तकें रचने के उपरान्त माधव निदान पर प्रश्नमाला आपकी सेवा में प्रस्तुत कर इस रिक्तता को दूर करने का प्रयास किया है। हमें विश्वास है कि इस पुस्तक के समुचित प्रयोग से परीक्षार्थियों के समय व श्रम की बचत के साथ-साथ सफलता का पथ सुगम होगा। विद्यार्थियों को मूल ग्रन्थ का अध्ययन करने के उपरान्त अभ्यास पुस्तक के रूप में इस पुस्तक का अध्ययन करने की सलाह दी जाती है। याद रखें सफलता केवल असाधारण विद्यार्थियों की बपौती नहीं होती है। संकल्प से युक्त होकर, मन को एकाग्र कर सभी मानसिक शक्तियों को केन्द्रित कर सभी विषयों का गहन अध्ययन कर कोई भी विद्यार्थी सफलता के शिखर पर पहुँच सकता है।
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