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Vishwa Itihas Ki Jhalak (Sankshipt)

मेरी कहानी (संपूर्ण) – meri kahani sampoorna

450.00

author : jawharlal nehru

publisher : sasta sahitya mandal

language : hindi

pages : 728

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Description

प्रस्तुत पुस्तक का पहला संस्करण सन् 1936 में प्रकाशित हुआ था, तब से अब तक के वर्षों में इसके अनके संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। यह इस बात का द्योतक है कि पुस्तक पाठकों को पसंद आई है। वास्तव में यह सामान्य आत्मकथा नहीं है, एक असामान्य कृति है। जवाहरलाल नेहरू जी का संपूर्ण जीवन समाज, राष्ट्र और विश्व के साथ बड़े घनिष्ठ रूप में जुड़ा हुआ था। यद्यपि यह पुस्तक जेल की चहारदीवारी के भीतर लिखी गई थी, तथापि इसमें लेखक की दृष्टि की व्यापकता और हृदय की विशालता दिखाई देती है। उन्होंने इसमें अपने परिवार की, अपने बचपन की और अपने शिक्षा-काल की कहानी अत्यंत रोचक ढंग से कही है। इसमें भारत के मुक्ति संग्राम की अनेक महत्वपूर्ण घटनाएं भी सम्मिलित की गई हैं।

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