Description
इक्कीसवीं शताब्दी के सृजनात्मक संस्कृत साहित्य की ग्रंथसूची विदुषी नेहल पढ्या के द्वारा तैयार की गई थी, जो अर्वाचीन संस्कृत साहित्य परिषद्, बडोदरा से २०११ में प्रकाशित है। आधुनिक संस्कृत साहित्य के सुधी अध्येता एस. रंगनाथ ने Bibliography of Sanskrit Works in the New Millennium नाम से एक अद्यतन सूची २०२० में प्रकाशित की, जिसमें इक्कीसवीं शती के दो दशकों में प्रकाशित संस्कृत के रचनात्मक मौलिक साहित्य की २९९ पुस्तकें सूचीबद्ध हैं। संस्कृत के प्रखर समीक्षक, कवि और चिन्तक प्रवीण पण्ड्या ने इक्कीसवीं शताब्दी में प्रकाशित संस्कृत में लिखे गये नये साहित्य की एक नवीनतम सूची निर्मित की है, जिसमें लगभग ४०० प्रविष्टियाँ हैं। इनमें २९ महाकाव्य, ९७ विविधकाव्य तथा काव्यसंकलन, सात गजलों के संग्रह, बारह गीतसंग्रह, सत्ताइस मौलिक तथा अनूदित उपन्यास, ५८ मौलिक तथा अनूदित कथानिकाओं या कहानियों के संग्रह, आठ जीवनियों, तीन निबन्धसंग्रह, तीन यात्रावृत्तान्त, चौबीस मौलिक तथा अनूदित नाटक, आठ काव्यशास्त्र विषयक मौलिक ग्रन्थ, ग्यारह बालसाहित्य की पुस्तकें तथा कतिपय विविध संकलन हैं। वस्तुतः इन सूचियों में जितनी नामावली संकलित की गई हैं, संस्कृत में उसके कई गुना अधिक संख्या में पिछले वर्षों में नवीन मौलिक साहित्य की पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। इक्कीसवीं शताब्दी में संस्कृत के रचनाकारों की पाँच पीढ़ियाँ सक्रिय हैं। सबसे पहली पीढ़ी उनकी जो १९०० से १९२० के बीच जन्मे, दूसरी उनकी जिन्होंने १९२१ से १९४० के बीच जन्म लिया, तीसरी में १९४१ से १९६० के बीच जन्मे रचनाकार आते हैं, चौथी में १९६१ से १९८० के बीच जन्मे। पाँचवीं पीढ़ी १९८१ से १९९० के बीच पैदा होने वाले नवोदितों की है।
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