Description
‘तंत्र रहस्यम्’ परमहंस स्वामी श्री महेश्वरानन्द की आधुनिक रचना है। यह पूर्ण रूप से क्रियात्मक ग्रन्थ यह तंत्रशास्त्र की क्रियाओं का वर्णन करता है। इसमें किसी भी प्रकार के सिद्धान्त का विवरण प्राप्त नहीं होता है। तंत्र रहस्यम् एक वृहदाकार ग्रन्थ है। इस विशालकाय ग्रन्थ के प्रथम बीस पटलों का यहाँ पर मीनाक्षी हिन्दी व्याख्या सहित प्रस्तुत किया गया है। इसके प्रथम बीस पटलों में दूतीयाग, कुलाचार, शिवाबलि, समयाचार, लतासाधना, खड्गपादुकासिद्धि, वेश्यावर्णन, कर्णपिशाची मन्त्र, सर्वरोगमुक्ति कवच, आर्द्रपटीमहाविद्या, आसुरीकल्प, वैरीमारण कवच, षट्कर्म के लक्षण, मारण, मोहन, उच्चाटन, वशीकरण, स्तम्भन, विश्वावसु गन्धर्व मन्त्र, अदृश्यकारिणी विद्या, चेटक साधन, औषधिकल्प, पशुवाक्यप्रबोधन, लक्ष्मी मन्त्र साधन, मालामन्त्रसाधन, दिव्याङ्गना साधन, अष्ट अप्सरा साधन, चित्रलेखा साधन, अष्टयक्षिणी साधन, षट्कन्नरीमन्त्र साधन, सुन्दरीमन्त्र साधन, भूतिनीमन्त्र साधन, अष्टयोगिनी साधन, नायिका कवच व नायिका स्तोत्र, नागकन्या मन्त्र साधन, त्रैलोक्य आकर्षण के लिये मधुमती विद्या की साधना व उनके मन्त्र, मधुमतीपिशाची साधन का वर्णन किया गया है। इस ग्रन्थ के आगामी अध्यायों में, भैरव, कामदेव, काली तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, धूमावती, कालामुखी, मातंगी कमला, प्रत्यंगिरा दुर्गा, शिव, विष्णु, गणपति, सूर्य, कृष्ण, राम के अतिरिक्त अन्य देवी देवताओं का वर्णन व विवरण दिया गया है।
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